स्वरुप एवं परिचय
1. हमारी कार्यपद्धति दानव को मानव एवं मानव को देव बनाने की पद्धति है।
2. कार्यपद्धति का केन्द्र विद्या मंदिर है।
3. भारतीय संस्कृति एवं जीवनमूल्य के आधार पर सर्वांगीण विकास।
4. संस्कार युक्त शिक्षा के माध्यम से समाज परिवर्तन का प्रयास।
5. वन्दना सभा एवं परिणामकारी कार्यक्रम ।
6. भारतीय उत्सन एंव शारीरिक प्रदर्शन ।
7. प्रति सप्ताह बालसभा का आयोजन ।
8. वर्ष में न्यूनतम एक अभिभावक सम्मेलन,मातृसम्मेलन ।
9. वर्ष में एक बार भैया-बहिन का वन संचार ।
10. संस्कृति ज्ञान परीक्षा का आयोजन ।
11. राष्ट्रीय खेलकूद एवं विज्ञान मेला तथा बौद्धिक प्रतियोगिताऐं।
12. अखिल भारतीय निबन्ध लेखन प्रतियेागिता ।
13. पूर्वछात्र एवं आचार्य परिषद-सम्मेलन ।
14. आचार्यो के विविध प्रशिक्षण वर्ग आयोजन।
15. परिवार सम्पर्क अभिभावक सम्पर्क ।
16. समिति सम्मेलन एवं प्रबंधन ।
17. संस्कार केन्द्र , एकल विद्यालय का संचालन ।
18. समाज प्रबोधन -गोष्ठियां ।